दिल्ली में गिरता प्रदूषण फिर एक बार बढ़ने लगा है, लगाई गई ये पाबंदियां
राजधानी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार (Delhi Air Pollution) नहीं दिख रहा है। प्रदूषण का स्तर एक बार कम होता हुआ जरुर दिखाई दिया था लेकिन अब फिर से बढ़ने लगा है। इसलिए आज से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी।
राजधानी दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार (Delhi Air Pollution) नहीं दिख रहा है। प्रदूषण का स्तर एक बार कम होता हुआ जरुर दिखाई दिया था लेकिन अब फिर से बढ़ने लगा है। इसलिए आज से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति होगी। 3 दिसंबर तक पेट्रोल और डीजल से चलने वाले सभी परिवहन पर प्रतिबंध रहेगा।
वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर, दिल्ली के बाहर से ट्रकों और अन्य वाहनों का प्रवेश पहले से ही 18 नवंबर से रोक दिया गया है। हालांकि इस आदेश से वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। लेकिन यह देखना होगा कि क्या निजी वाहन भी इसके दायरे में आते हैं।
प्रदूषण के बीच खोल जाएंगे फिर से स्कूल-
यह कदम दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Pollution) की बिगड़ती स्थिति में सुधार के लिए पिछले कुछ दिनों में उठाए गए कदमों की एक श्रृंखला का हिस्सा है। वायु प्रदूषण दिल्ली के लिए लंबे समय से एक समस्या रही है। दूसरी ओर, दिल्ली के स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को 29 नवंबर से फिर से खोलने की अनुमति दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश-
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी कहा कि दिल्ली में 29 नवंबर से सभी सरकारी दफ्तर खुल जाएंगे। पर्यावरण मंत्री ने कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी है। उनके लिए विशेष बसें तैनात की जाएंगी। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के एक और प्रयास में, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दी है।
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दिल्ली में खतरनाक हुई फिर से हवा-
इस बीच, दिल्ली के कुछ हिस्सों में हवा की गुणवत्ता (Delhi Air Pollution) शनिवार को 556 पर एक्यूआई के साथ ‘खतरनाक’ स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, दिल्ली में समग्र एक्यूआई, वायु गुणवत्ता प्रणाली के अनुसार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 386 रही। दिल्ली में फिर से बढ़ते प्रदूषण का कारण दिल्ली में चलते वाहन और निर्माण गतिविधियों को ही पाया गया है। उम्मीद है कि जब तक पूर्वी हवाएं नहीं चलेंगी तब तक दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।