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रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर रखा बरकरार रखा, जानें आम लोगों पर क्या होगा इसका असर!

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को जारी करते हुए कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट में रिजर्व बैंक द्वारा कोई भी बदलाव नहीं करने की ‌नीति से आम लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को जारी करते हुए कोई बदलाव नहीं किया। वहीं, रेपो दर को भी 4 प्रतिशत पर बरकराक रखा। जिसका सीधा मतलब है कि लोगों के आवास, वाहन और अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक की छह सदस्य मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के साथ ही नीतिगत रूप को उधार बनाए रखने के पक्ष में वोट किया।

क्या ‌हैं रेपो ‌रेट-
जब हमें पैसे की जरूरत हो और अपना बैंक अकाउंट खाली हो तो हम बैंक से कर्ज लेते हैं इसके बदले में हम बैंक को ब्याज चुकाते है। इसी तरह बैंक को भी अपनी जरूरत या रोज़मर्रा काम के लिए काफी रकम की जरूरत पड़ती है। जिसके लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते है। ऐसे में बैंक आरबीआई से जिस दर पर लोन लेता है उस दर पर ब्याज चुकाना पड़ता है, जिसे रेपो रेट कहा जाता है।

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रेपो रेट का आम ‌लोगों पर असर‌-
रेपो रेट में रिजर्व बैंक द्वारा कोई भी बदलाव नहीं करने की ‌नीति से आम लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य कर्ज की किस्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। वहीं, सरकार ने अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बनाए रखने के लिए बजट को मध्य अवधि और खर्चीली राजकोष रणनीति भी तैयार की है। वहीं, रिजर्व बैंक ने उचित मौद्रिक उपायों के माध्यम से सरकार को यह लक्ष्य पाने में मदद देते हुए भरोसा दिया। इस क्रम में केंद्रीय बैंक ने खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूति बाजार की प्रत्यक्ष उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके अलावा रिजर्व बैंक के नगदी आरक्षित अनुपात को बढ़ाकर अतिरिक्त कोष उपलब्ध कराने और इसके लिए उचित बाजार प्रचलित करने के लिए उपलब्ध कराने को कहा।

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