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2070 तक भारत ऐसे कर सकता है Net Zero के लक्ष्य को हासिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को ग्लासगो में COP26 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधन किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2070 तक 'शुद्ध-शून्य' (Net Zero) उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को ग्लासगो में COP26 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधन किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2070 तक ‘शुद्ध-शून्य’ (Net Zero) उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करेगा।

‘शुद्ध-शून्य’ या Net Zero किसे कहते हैं-

सरल शब्दों में, शुद्ध-शून्य का अर्थ है कि मनुष्यों द्वारा वातावरण में पंप किए गए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की एक समान मात्रा को अवशोषित करने के लिए नए कार्बन सिंक के निर्माण से संतुलित करना। कार्बन सिंक यानी जहां कार्बन को खत्म किया जा सके। जैसे कि पौधों को लगाकर वन के माध्यम से कार्बन को कम करना।

क्यों महत्वपूर्ण है ‘शुद्ध-शून्य’ या Net Zero को हासिल करना-

विशेषज्ञों का कहना है कि ‘शुद्ध-शून्य’ उत्सर्जन हासिल करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ग्लोबल वार्मिंग को कम करके जलवायु परिवर्तन से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है। अगले दशक में उत्सर्जन को सीमित करने की दिशा में उठाए गए उपाय भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

वैज्ञानिकों ने 2050 तक का रखा लक्ष्य-

वैज्ञानिकों ने कहा है कि वैश्विक उत्सर्जन को 2030 तक लगभग आधा करने और 2050 तक ‘शुद्ध-शून्य’ तक पहुंचने की आवश्यकता है। अधिकांश राष्ट्र 2050 की समय सीमा पर सहमत हो गए हैं। वहीं चीन का लक्ष्य 2060 तक यह लक्ष्य हासिल करना है।

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देश कैसे करेंगे इस लक्ष्य को हासिल-

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दो महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरुरत है। पहला है औद्योगिक प्रक्रियाओं, बिजली उत्पादन, परिवहन और गहन कृषि जैसी गतिविधियों से उत्सर्जन को कम करना जो हम वातावरण में भेज रहे हैं। दूसरा है, वातावरण से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को हटाना है, उदाहरण के लिए औद्योगिक प्रक्रियाओं के दौरान कार्बन के निकलने से पहले इसे कैप्चर करके या अधिक पेड़ लगाकर।

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