कोयले की कमी और बिजली गायब! एक गलत संदेश ने फैलाई अफवाह, केंद्रीय बिजली मंत्री ने दूर की चिंता
दिल्ली सहित छह राज्यों में बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी और बिजली को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत की राष्ट्रीय राजधानी को शनिवार को ब्लैकआउट की चेतावनी दी गई थी। इसको लेकर अब केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि "कोयले की कमी के बारे में अनावश्यक रूप से दहशत पैदा की गई है।"
दिल्ली सहित छह राज्यों में बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी और बिजली को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच भारत की राष्ट्रीय राजधानी को शनिवार को ब्लैकआउट की चेतावनी दी गई थी। इसको लेकर अब केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि “कोयले की कमी के बारे में अनावश्यक रूप से दहशत पैदा की गई है।” उन्होंने कहा कि गेल और टाटा के बीच गलत संचार के कारण यह दहशत पैदा हुई है।
आरके सिंह ने कहा, “हमारे पास पर्याप्त बिजली उपलब्ध है। हम पूरे देश को बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। जो कोई चाहता है, मुझे एक मांग दें और मैं उन्हें आपूर्ति करूंगा। दहशत बेवजह पैदा की गई है कि देश के पास सिर्फ चार दिन का कोयला रिजर्व है।”
नहीं होगी कोयले किल्लत- केंद्रीय बिजली मंत्री
बिजली मंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली को आपूर्ति मिलती रहेगी और लोड-शेडिंग नहीं होगी… घरेलू या आयातित कोयले की आपूर्ति शुल्क के बावजूद जारी रहेगी। किसी भी परिस्थिति में गैस की आपूर्ति में कमी नहीं आएगी।” दिल्ली, गुजरात, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने इस सप्ताह बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी का संकेत दिया है और पंजाब ने पहले ही कई स्थानों पर घूर्णी लोड शेडिंग शुरू कर दी है।
सीएम केजरीवाल से लिखा था पीएम मोदी को पत्र-
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अगर आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो अगले दो दिनों में राष्ट्रीय राजधानी “ब्लैकआउट का सामना कर सकती है”।
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गलत संदेश की वजह से फैली अफवाह-
सिंह ने कहा कि गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के अधिकारियों द्वारा कोयले की आपूर्ति प्रभावित होने के बारे में वितरकों को ‘गलत संदेश’ भेजे जाने के बाद बिजली की कमी को लेकर देश में दहशत पैदा हो गई थी। बिजली मंत्रालय ने एक समाचार आउटलेट के हवाले से कहा, “हमारे पास चार दिन का रिजर्व है। जोकि आपतकाल में काम आएगी। फिलहाल के लिए हमें आपूर्ति मिल रही है।”
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प्रतिवर्ष इस समय में होती है कोयले की कमी-
आरके सिंह ने कहा कि मानसून के मौसम में कोयले की आपूर्ति नियमित रूप से कम हो जाती है क्योंकि खदानों में पानी भर जाता है जबकि मांग अधिक रहती है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में मांग कम हो जाएगी पूरे भंडार में वृद्धि होगी। अक्टूबर में, जैसे-जैसे मांग कम होगी, भंडार फिर से बढ़ने लगेगा। आरके सिंह ने कहा, ‘पहले हमारे पास नवंबर से जून तक 17 दिनों का कोयला स्टॉक हुआ करता था।