उत्तर प्रदेश

Ganga Expressway: क्या है गंगा एक्सप्रेस-वे और मायावती से क्या है कनेक्शन? विस्तार में जानें

पीएम मोदी ने आज यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास किया। गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) उत्तर प्रदेश का पांचवा और सबसे बढ़ा एक्सप्रेस-वे होने वाला है। जिसकी लंबाई 594 किलोमीटर है। जो 12 जनपद को एक साथ कनेक्टिविटी देगा।

पीएम मोदी ने आज यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास किया। बताया जा रहा है की यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होने वाला है। जिसकी लंबाई करीब कुल लंबाई 1020 किलोमीटर होगी। गंगा एक्सप्रेस-वे यूपी के करीब 12 जिलों को एक साथ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। जो यूपी के पश्चिमी और पूर्वी हिस्से को जोड़ेगा। इसके निमार्ण में लगभग 36,200 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आएगा। इसके अलावा, इस पर करीब 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी भी बनेगी। गंगा एक्सप्रेस-वे अपने आप में एक महत्वपूर्ण परियोजना होने वाली है। ऐसे आइए जानते हैं की गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) के निर्माण से किसको होगा फायदा और क्या है इसके लाभ…

Ganga Expressway की खासियत-

गंगा एक्सप्रेस-वे खासियत की बात करें तो 594 किलोमीटर बड़े एक्सप्रेस-वे पर पहले छह लेन का निमार्ण किया जायेगा, जिसे बाद में बढ़ाकर आठ लेन का किया जा सकेगा। इस परियोजना में 140 नदी, नहर और नाला शामिल हैं। इसके अलावा, गंगा एक्सप्रेस-वे पर करीब सात ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 375 अंडरपास, 126 छोटे पुल, 28 फ्लाईओवर, 946 पुलिया, 9 जन सुविधाएं कॉम्प्लेक्स, दो टोल प्लाजा और 15 रैंप टोल प्लाजा का निर्माण किया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे पर 17 स्थानों पर इंटरचेंज बनाएं जाएंगे।

क्या है गंगा एक्सप्रेसवे ?

दिल्ली बार्डर से बलिया तक गंगा किनारे करीब 1020 किलोमीटर में यह एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) बनाया जायेगा। इसका निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में छह लेन वाला 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निमार्ण किया जायेगा। जो मेरठ के बिजौली गांव के पास शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर दादूं गांव तक जाएगा। इस परियोजना के दूसरे चरण में इस एक्सप्रेस-वे का विस्तार प्रयागराज से बलिया तक बढ़ाया जाएगा। इस चरण में कुल 316 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निमार्ण किया जायेगा। इसके निर्माण लगभग 36,200 करोड़ रुपए की लागत आयेगी।

ये कपंनिया करेंगी एक्सप्रेस-वे का निर्माण-

मेरठ से लेकर प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और आइआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स करेंगे। बिडिंग प्रक्रिया के जरिये चयनित हुईं इन कंपनियों पर गुरुवार को कैबिनेट बैठक में हरी झंडी भी मिल गई है।

6 घंटे में मेरठ से प्रयागराज-

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए करीब 96 फीसदी जमीन अधिग्रहित किया जा चुका है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए करीब 518 ग्राम पंचायतों के 7368 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके निर्माण के बाद केवल छह घंटे में मेरठ से प्रयागराज तक पहुंच सकेंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) को 2024 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

वायु सेना के विमानों के लिए बनेगी हवाई पट्टी-

इस पर शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर हवाई पट्टी भी भी बनाई जाएगी जो वायु सेना के विमानों को आपातकाल स्थिति में टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा, एक्सप्रेस-वे पर ही कई जगह हेडिपेड्स भी बनाने की योजना है। जो एयर एंबुलेंस की सुविधा को सहायता प्रदान करेगा।

खुलेंगे रोज़गार के अवसर-

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से रोज़गार के अवसर भी खुलेंगे। इस परियोजना से करीब 12 हज़ार लोगों को अस्थायी रूप से रोज़गार दिया जा सकता है और उन्हें नियोजित किया जा सकता है। इसके अलावा, टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 लोगों को स्थायी रूप से नौकरी मिलेगी।

पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाएं जायेंगे पेड़-

पर्यावरण संरक्षण के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) के किनारे पर लगभग 18 लाख 55 हज़ार पेड़ पौधे लगाएं जाएंगे।

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यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे-

गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) उत्तर प्रदेश का पांचवा और सबसे बढ़ा एक्सप्रेस-वे होने वाला है। जिसकी लंबाई 594 किलोमीटर है। जो 12 जनपद को एक साथ कनेक्टिविटी देगा। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ बुलंदशहर मार्ग (NH 334) के बिजौली ग्राम से शुरू होगा और प्रयागराज बाइपास NH-19 पर जुदापुर दादूं ग्राम के पास समाप्त होगा।

इन जिलों को होगा फायदा-

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के लगभग 12 जिलों को फायदा मिलेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) मेरठ से शुरू होकर यूपी के प्रयागराज तक खत्म होगी। इस करीब 12 जिलों को इसका लाभ मिलेगा। जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, संभल, अमरोहा, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, प्रतापगढ़, रायबरेली और प्रयागराज शामिल हैं।

Ganga Expressway के निर्माण से क्या होगा फायदा-

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण से कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। रुहेलखंड और विंध्य जैसे कम विकसित जैसे क्षेत्रों को भी खूब लाभ मिलेगा। इसके अलावा, एक औद्योगिक कॉरिडोर भी बनाया जाएगा, जिससे उत्पादन इक्काइयों, विकास केंद्रो और कृषि उत्पादन केंद्रों को राष्टीय राजधानी से जोड़ा जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, कृषि मंडी और दूध आधारित उद्योगों को फायदा मिलेगा। साथ ही, इसके निमार्ण से शिक्षण, प्रशिक्षण और मेडिकल संस्थान की स्थापना के लिए अवसर भी खुलेंगे।

एक्सप्रेसवे का मायावती कनेक्शन-

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सबसे पहले इस एक्सप्रेसवे की कल्पना की थी। साल 2007 में पूर्ण बहुतमत प्राप्त करने के बाद मायावती ने लगभग 1047 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) की योजना बनाई थी। जो दिल्ली से सटे नोएडा से शुरू होकर बिहार के नजदीक बलिया तक प्रस्तावित थी। लेकिन उस दौरान एक एनजीओ ने इस प्रोजेक्ट के अलाइनमेंट को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दे दी थी।

हाई कोर्ट ने खारिज की थी यह परियोजना-

वर्ष 2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस परियोजना को यह कहते हुए खारिज कर दिया था की यह पर्यावरण संरक्षण कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। बता दें, मायावती ने गंगा के किनारे एक एक्सप्रेसवे बनाने की परियोजना बनाई थी।

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योगी सरकार ने मायावती की गलतियों से ली सीख-

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की गलतियों से सीख लेते हुए 10 साल बाद योगी सरकार ने जनवरी 2019 में फिर से गंगा एक्सप्रेसवे को बनाने का ऐलान किया। लेकिन गंगा के बिल्कुल किनारे न होते हुए वहां से 10 किलोमीटर दूर बनाने का प्रस्ताव पास किया गया।

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एक्सप्रेसवे को लेकर क्या हो रही है सियासत-

उत्तर प्रदेश और केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी सरकार यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, एम्स अस्पताल जैसे कई आधारभूत संरचनात्मक विकास वाली परियोजनाओं का शिलान्यास, आधारशिला और उद्घाटन प्रोग्राम कर रही है। वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव यह आरोप लगा रहें है की बीजेपी की सरकार पुरानी सरकारों की योजना और परियोजनाओं का फीता काट रही है।

अखिलेश ने बताया किसका है ये ड्रीम प्रोजेक्ट-

इसी कड़ी में गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर विपक्षी नेता अखिलेश यादव ने कहा की यह परियोजना मायावती सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट था। योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी का नहीं। हालांकि यह बात सही भी लेकिन अदालती उलझनों के बीच इस प्रोजेक्ट में रुकावट आई थी। जो अब जाकर क्लियर हुआ है। और जिसकी आधारशिला पीएम मोदी ने आज रखी हैं। सबको पता और शायद आपको भी पता ही होगा चुनावों से पहले काम का श्रेय हर राजनीति पार्टी अपने खाते में ही दर्ज कराना चाहती है और यही कारण है कि गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर राजनीति और सियासत गरमा सी गई है।

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