Happy New Year 2025

दिल्लीदेश

जनपथ में ‘कारीगरी’ प्रदर्शनी: भारतीय हस्तशिल्प का रंगारंग नजारा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जनपथ स्थित नेशनल सेंटर फॉर हेरिटेज टेक्सटाइल (हैंडलूम हाट) में चल रही ‘कारीगरी’ प्रदर्शनी इन दिनों कला और संस्कृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। देश के विभिन्न कोनों से आए कारीगरों ने यहां अपने हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का अद्भुत संग्रह पेश किया है। यह प्रदर्शनी 9 जनवरी, 2025 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक निःशुल्क आम जनता के लिए खुली रहेगी।

अंबपाली हस्तकरघा और हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में बनारसी साड़ी, कांचीपुरम सिल्क, कश्मीरी पश्मीना शॉल, मध्य प्रदेश के चंदेरी एवं महेश्वरी वस्त्र, उत्तर-पूर्व के बाँस हैंडीक्राफ्ट जैसे कई खूबसूरत उत्पाद देखने को मिल रहे हैं।

कारीगरों को मिला मंच

प्रदर्शनी में 60 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जहां दर्शक न केवल इन खूबसूरत उत्पादों को खरीद सकते हैं बल्कि कारीगरों से सीधे बातचीत कर उनके हुनर के बारे में भी जान सकते हैं। आयोजकों का मानना है कि इस तरह के आयोजन कारीगरों को एक मंच प्रदान करते हैं और उनकी कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

प्रदर्शनी में हर दिन देश की विविधता को दर्शाते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी 9 जनवरी, 2025 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक निःशुल्क जनसामान्य के लिए खुली रहेगी।

भारतीय हस्तशिल्प का गौरव

‘कारीगरी’ प्रदर्शनी भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग के गौरव का जीवंत प्रतिबिंब है। यह न केवल कारीगरों को मंच प्रदान करती है, अपितु दर्शकों को भारतीय कला और संस्कृति के निकट लाने का प्रयास भी करती है।

इस प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, और आंध्र प्रदेश से आए कारीगरों द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें बनारसी साड़ी, कांचीपुरम सिल्क, राजस्थान के ब्लॉक प्रिंट, कश्मीर के पश्मीना शॉल, मध्य प्रदेश के चंदेरी एवं महेश्वरी वस्त्र, उत्तर-पूर्व के बाँस हैंडीक्राफ्ट, खाद्य पदार्थों से संबंधित उत्पाद एवं अन्य हस्तनिर्मित कृतियाँ सम्मिलित हैं। 

अंबपाली हस्तकरघा और हस्तशिल्प बहुराज्यीय सहकारी समिति लिमिटेड की अध्यक्ष अर्चना सिंह का कहना है कि भारतीय हैंडलूम इंडस्ट्रीज हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह न केवल लाखों कारीगरों के जीवन-यापन का आधार है, अपितु हमारी सभ्यता और संस्कृति का जीवंत स्वरूप भी है। ऐसे आयोजन इस उद्योग को प्रोत्साहन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आप भी जाएं और देखें भारतीय हस्तशिल्प की कला

यदि आप भी भारतीय हस्तशिल्प के प्रति रुचि रखते हैं तो आप भी इस प्रदर्शनी में आकर देश के विभिन्न कोनों की कला और संस्कृति का लुत्फ उठा सकते हैं।

Janta Connect

Subscribe Us To Get News Updates!

We’ll never send you spam or share your email address.
Find out more in our Privacy Policy.

और पढ़े
Back to top button
Micromax In Note 2