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सीमा पर विवाद के बीच भारत से चावल आयात करेगा चीन

चीन और भारत के रिश्ते इन दिनों कुछ ठीक नहीं हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच माहौल खराब चल रहा है। भारत की तरफ से अब तक 250 से भी ज्यादा चीनी ऐप को बैन किया गया है। इस कदम को भारत के लोग चीन के खिलाफ की हुई डिजिटल स्ट्राइक भी कहते हैं। इन सभी के बीच अब चीन भारत से चावल आयात करेगा (import rice)। चीन ने 5 हजार टन गैर बासमती चावल आयात करने के लिए भारत को ऑडर दिए हैं।

भारत दुनिया में चावल का का सबसे बड़ा निर्यातक

भारत में चावल की खेती दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा की जाती है। भारत दुनिया को चावल का अड्डा भी कहा जाता है। यहां आपको सबसे सस्ते चावल से लेकर सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले चावल भी मिलते हैं। भारत में अन्य देशों के मुकाबले चावल की कीमत कम पाई जाती है। जोकि एक सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है। भारतीय चावल निर्यातक संघ (AIREA) के मुताबिक इस वर्ष अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक भारत ने 2.8 मिलियन टन बासमती चावल और 6.1 मिलियन टन गैर बासमती चावल को निर्यात (import rice) किया। 2020 के पहले 7 महीनों में चावल में निर्यातों का यह आकड़ा 2019 के कुल आकड़ों से भी ज्यादा है।

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चीन दुनिया में चावल का सबसे बड़ा आयातक

चीन में चावल की खपत सबसे ज्यादा है। टूटे हुए बासमती चावल का चीन में नूडल्स और वाइन बनाने के लिए बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना संकट के कारण चीन की चावल आपूर्ति को भारी संकट पहुंचा है। चीन जिन देशों से पहले चावल लेता था उन देशों ने इस बार चीन को चावल की सप्लाई कम कर दी है। इसी के चलते सीमा पर विवाद के बावजूद चीन, भारत से 5000 टन बासमती टूटा चावल आयात (Import Rice) करेगा।

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इन देशों से भी चावल लेता है चीन

चीन को चावल सप्लाई करने वाले देशों में थाईलैंड, वियेतनाम, म्यानमार और पाकिस्तान शामिल हैं। कोरोना संकट के कारण कम उपज की वजह से इन देशों के पास चावल निर्यात करने के लिए लिमिटेड ही है। चीन को भारी मात्रा में हर साल चावल की जरुरत होती है, नहीं तो चीन की जनता भूख की वजह से सड़कों पर आ जाएगी। इन्ही कारणों की वजह से चीन अब सीमा विवाद को एक तरफ करके भारत के सामने चावल की मांग को लेकर खड़ा हो चुका है।

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