कहीं पुलिसफोर्स का हो तो नहीं रहा मिसयूज, दिल्ली पुलिस के थाने में होगा मैनपावर ऑडिट
कितने पुलिसकर्मी किस थाने में हैं और वहां जरूरत असल में कितने पुलिसकर्मियों की है। पीसीआर स्टाफ के थानों से अटैच होने के बाद में, किस थाने में कितने स्टाफ की बढ़ोतरी हुई है।
कितने पुलिसकर्मी किस थाने में हैं और वहां जरूरत असल में कितने पुलिसकर्मियों की है। पीसीआर स्टाफ के थानों से अटैच होने के बाद में, किस थाने में कितने स्टाफ की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही ये भी देखा जाएगा इन्वेस्टिगेशन विंग (Investigation Wings) को अलग करने से थानों में रोजमर्रा के कार्यों में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है। मैन पावर ऑडिट (Man Power Audit) पीसीआर अटैच होने के बाद थानों में पुलिसकर्मियों की जरूरत और संख्या का पता लगाने के लिए कराया जाएगा। कुछ ही दिनों में इसकी जानकारी सामने आ जाएगी।
भविष्य की रणनीति बनाने के लिए जरुरी है ऑडिट-
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऑडिट के जरिए पुलिसकर्मियों की कमी और जरूरत का पता लगाया जाए। हाल ही में इसके आदेश दिए गए हैं। 1 सितंबर से थाने में पीसीआर अटैच करने का कितना फायदा हुआ। हर थाने से इसकी जानकारी मांगी गई है। जिसके हिसाब से ही भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी।
दिल्ली के 185 थानों के अधिकरियों ने कही यह बात-
दिल्ली के 185 थानों में अधिकारियों का कहना है कि पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या तय संख्या से कम है। कानून-व्यवस्था को कायम रखने में कईबार पुलिस स्टाफ कई बार कम पड़ जाता है। ऐसे में हर थाने से स्टाफ की पुलिस हेडक्टर्वार ने जानकारी मांगी है। किस-किस डयूटी में कितना स्टाफ लगाया गया है इससे ये भी पता लग जाएगा।
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पुलिसफोर्स का मिसयूज से उठेगा पर्दा-
जिस काम में दो-तीन लोगों की जरूरत हो, वहां कहीं अधिक जवानों की तैनाती तो नहीं हो रही। जिसके कारण जहां अधिक जवानों कि जरूरत है वहां अधिक कम जवान पहुंच रहे हैं। जिससे यह भी पता लगाया जा सकेगा कि कहीं पुलिसफोर्स का मिसयूज तो नहीं हो रहा।