केवल चार दिन में छुड़ाए तम्बाकू-सिगरेट का नशा, यहां जाने कैसे
डॉक्टर सजीला मैनी दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर लोगों का तम्बाकू-बीड़ी जैसे नशे को छुड़ाने में काफी मददगार साबित हुई है। एक वर्कशॉप के तहत डॉ सजीला मैनी लोगों का चार दिन के लिए काउंसलिंग करती है। जिसमें उन्हें निकोटिन के पैच और दवाइयां मुफ्त में दी जाती है। साथ ही इसका पूरा कोर्स और थैरेपी पूरी तरह मुफ्त में किया जाता है। जो दवाइंया और पैच दी जाती है, वो लोगों को नशा करने से रोकती है और उनकी नशा करने की इच्छा को भी मारती है। वैसे तो डॉ सजीला मैनी इस कार्य को पिछले आठ सालों से कर रही है। लेकिन 2016 से बीएसईएस के सहयोग से इस काम को दिल्ली के कोने-कोने में विस्तार मिला है। जिसे लोगों द्वारा भी खूब सरहा जा रहा है और जमकर तारीफ भी कर रहे हैं।
सिगरेट/तम्बाकू छोड़ो अभियान-
हालांकि की इस वर्कशॉप को सिगरेट/तम्बाकू छोड़ो अभियान नाम दिया गया है। जिसका नेतृत्व तम्बाकू निवारण विशेषज्ञ डॉक्टर सजीला मैनी के द्वारा किया जाता है। वहीं, इस कार्यक्रम के तहत अभी तक लगभग दो हजार से अधिक लोगों ने तम्बाकू, सिगरेट और बीड़ी जैसे नशे को छोड़ दिया है। इस अभियान को दिल्ली के कोने-कोने से लोगों द्वारा काफी अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है और इसमें बढ़ चढकर भाग ले रहे है।
हर साल होते है इतने वर्कशॉप-
इस अभियान के तहत हर साल लगभग 10 वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है। इस दौरान दिल्ली के कोने-कोने में लोगों का मुफ्त में इलाज किया जाता है और महंगी दवाइयां मुफ्त में दी जाती है। इस साल इस अभियान के तहत दो वर्कशॉप हो चुके हैं जो बदरपुर के हरीनगर वार्ड (15 से 18 दिसंबर, 2020) और जैतपुर वार्ड (21 से 24 दिसंबर, 2020) में आयोजित हो चुका है। हालंकि इस साल का तीसरा वर्कशॉप गोविंदपुरी में चल रहा है जो की 27 दिसंबर से शुरू हुआ था और 30 दिसंबर, 2020 तक चलेगा।
डॉक्टर सजीला मैनी के बारे में-
डॉक्टर सजीला मैनी एक तम्बाकू निवारण विशेषज्ञ है, जो सर गंगा राम अस्पताल में कार्यरत है। डॉ सजीला मैनी इस काम को करीब आठ सालों से यानी 2002 से कर रही है। साथ ही डॉ मैनी टोबैको कंट्रोल ऑफ इंडिया की प्रेसिडेंट भी है। इन्होंने एक किताब भी लिखी है जिसका टाइटल द लास्ट पफ (The Last Puff) है। इस किताब में उन्होंने विभिन्न प्रकार के नशे और उसे कैसे छोड़ा जाए, के बारे में बताया है।
इस तहर होता है सिगरेट/तम्बाकू छुड़ाने का इलाज-
सिगरेट तम्बाकू अभियान के तहत लोगों का नशा छुड़ाने के लिए चार दिनों का वर्कशॉप लगता है। इस वर्कशॉप में पहले दिन से ही लोगों की काउंसलिंग होती है। वह कितना नशा करते है? कौन-कौन सा नशा करते है? जैसे चिजो का ध्यान रखते हुए डॉ. सजीला मैनी उनका इलाज करती है। लोगों उनके हाथो पर एक निकोटिन का पैच लगाया जाता है जो नशा करने की इच्छा को मारती है और लोगों को नशा छोड़ने में मदद मिलती है। ध्यान देने वाली बात है कि यह पूरा इलाज मुफ्त में किया जाता है। साथ ही महंगी से महंगी दवाइयां भी मुफ्त में लोगों को दी जाती है।
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RaCSAC के युवाओं का मिला जोश-
वैसे तो सिगरेट/तम्बाकू छोड़ो अभियान बीएसईएस के सहयोग से डॉ सजीला मैनी के नेतृत्व में हो रहा है। लेकिन इस अभियान के साथ एक विशेष वर्ग भी जुड़ा हुआ जो लोगों को सिगरेट/तम्बाकू छुड़ाने में मदद कर रहा है। वह विशेष वर्ग आज के युवा है। इन युवाओं के बिना इस काम को करना शायद ही आसान होता। इनके हौसले और ज़ज़्बे के बिना शायद ही ये अभियान कामयाब हो पाता। इस अभियान को रोटरएक्ट क्लब, अरविंद विद्यालय (Rotaract Club of Sri Aurobindo College) के युवाओं का साथ मिला है, जो पिछले चार वर्षो से इस अभियान को अपना सहयोग दे रहे है और आगे भी देते रहेंगे। इनकी एक पूरी विशेष टीम होती है जो इसी काम के लिए बनी होती है।
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