Unique Railway Station In India: भारत के 5 सबसे अनोखे रेलवे स्टेशन, इनमें से एक पर जाने के लिए लगता है वीजा
भारत में कुछ ऐसे अनोखे (Unique Railway Station In India) और दिलचस्प रेलवे स्टेशन है जिसके बारें में शायद ही आपने कभी सुना होगा। ये ऐसे रेलवे स्टेशन है जो आपके सफर को रोमांचक बना सकते हैं।
Unique Railway Station In India: इंडियन रेलवे को भारत की लाइफ लाइन माना जाता है, क्योंकि इसकी पहुँच समाज के हर वर्ग के व्यक्ति तक है। भारतीय रेलवे हर वर्ग के व्यक्ति के लिए यातायात का सुलभ और सस्ता साधन है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बढ़ा रेल नेटवर्क है। वहीँ, भारत में लगभग 8 हजार तीन सौ से भी अधिक रेलवे स्टेशन हैं। ऐसे में भारत का हर रेलवे स्टेशन अपनी किसी न किसी खासियत की वहज से दुनिया भर में मशूहर है। जैसे सबसे लम्बे प्लेटफार्म से लेकर साफ सुथरे स्टेशन तक शामिल हैं।
लेकिन भारत में कुछ ऐसे अनोखे (Unique Railway Station In India) और दिलचस्प रेलवे स्टेशन है जिसके बारें में शायद ही आपने कभी सुना होगा। ये ऐसे रेलवे स्टेशन है जो आपके सफर को रोमांचक बना सकते हैं। ऐसे में भारत के उन अनोखे स्टेशन के बारे में अगर आपको नहीं पता तो चिंता करने की बात नहीं हैं, इस लेख में हम उन्हीं अनोखे और दिलचस्प रेलवे स्टेशनों के बतायंगे, जहां स्टेशन पर उतरने के लिए वीज़ा भी लगता है।
Unique Railway Station In India
नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station)
भारत के सबसे अलग और अनोखे रेलवे स्टेशन की लिस्ट में नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station) का नाम आता है। इस खासियत है की ये रेलवे स्टेशन देश के दो राज्यों में बंटा हुआ है। नवापुर रेलवे स्टेशन गुजरात और महाराष्ट्र की राज्य सीमा पर स्थित है। जिसकी वजह से ये स्टेशन दो अलग-अलग राज्यों में बंटा हुआ है। जहाँ पर आपको प्लेटफॉर्म से लेकर बेंच तक सभी चीजों पर महाराष्ट्र और गुजरात लिखा हुआ देखने को मिलता है। स्टेशन पर एक बेंच ऐसी भी है, जिसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र में और आधा हिस्सा गुजरात में पड़ता है। जिसकी वहज से इस बेंच पर बैठने वालों को यह ध्यान रखना पड़ता है की वो कौन से राज्य में बैठे हैं।
इसके आलावा, नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station) पर हिन्दी और अंग्रेजी के साथ-साथ गुजराती और मराठी भाषा में भी अनाउंसमेंट किया जाता है। जिससे यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखा जा सके। इसके अलावा सूचनाएं भी चार भाषाओं में लिखी जाती हैं। यहीं नहीं इस स्टेशन की सबसे खास बात ये है कि यहां टिकट खिड़की महाराष्ट्र में पड़ती है, जबकि स्टेशन मास्टर गुजरात में बैठते हैं।
Ever wanted to be in two states at the same time? #DidYouKnow Navapur Railway Station in #AspirationalDistrict Nandurbar is located between #Gujarat and #Maharashtra. @RailMinIndia unites the country in unique ways!
Image Source: @JagranNews pic.twitter.com/G98Qrn3oA6
— NITI Aayog (@NITIAayog) April 13, 2019
दरअसल, जब नवापुर स्टेशन का निर्माण किया गया था, तब महाराष्ट्र और गुजरात देश के एक ही राज्य हुआ करते थे। लेकिन 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात का विभाजन होने के बाद नवापुर रेलवे स्टेशन मुंबई प्रांत के अंतर्गत आ गया था। ऐसे में दोनों राज्यों ने नवापुर स्टेशन पर अपना स्वामित्व जमाये रखा और दोनों प्रांतों के बिच इस स्टेशन का बंटवारा हो गया है। ऐसे में तब से लेकर आज तक नवापुर रेलवे स्टेशन महाराष्ट्र और गुजरात का हिस्सा है, जिसकी वजह से इस स्टेशन की एक अलग पहचान है।
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन (Bhawani Mandi Railway Station)
नवापुर रेलवे स्टेशन की तरह ही भवानी मंडी रेलवे स्टेशन (Bhawani Mandi Railway Station) भी दो राज्यों में बटा हुआ है। दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित भवानी मंडी रेलवे स्टेशन इसलिए अनोखा है क्योंकि ये स्टेशन राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा हुआ है। इस स्टेशन पर रुकने वाली हर ट्रैन का इंजन राजस्थान में होता है तो उसके डिब्बे मध्य प्रदेश की जमीन पर होते है।
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन (Bhawani Mandi Railway Station) के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगा हुआ है, तो दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश का साइन बोर्ड लगा हुआ है। दो राज्यों में बंटा होने की वजह से इस स्टेशन को भी भारत के सबसे अनोखा रेलवे स्टेशन में से एक माना जाता है, जो झालावाड़ जिले और कोटा संभाग के अंतर्गत आता है।
Unique Railway Station In India
बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन
जैसा की आपको मालूम ही होगा की भारत में मौजूद हर रेलवे स्टेशन का कोई न कोई नाम है, जिसकी एक पहचान होती है। उसी नाम से यात्रिओं को स्टेशन का पता चलता है। लेकिन भारत में दो ऐसे स्टेशन भी है जिनका कोई नाम नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा भला कैसा रेलवे स्टेशन है, जिसका कोई नाम ही नहीं हैं! लेकिन ये सच है। पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में बांकुरा-मैसग्राम रेलखंड पर एक स्टेशन है, जिसका बोर्ड बिल्कुल खाली पड़ा हुआ है क्योंकि इस स्टेशन का कोई नाम ही नहीं है।
बर्धमान टाउन से 35 किलोमीटर की दूर बांकुरा-मैसग्राम रेलवे लाइन पर मौजूद इस बेनाम रेलवे स्टेशन का निर्माण वर्ष 2008 में किया गया था। उस दौरान इस रेलवे स्टेशन को रैनागढ़ नाम दिया गया था। लेकिन इसके नाम को लेकर काफी विवाद हुआ क्योंकि रैना गांव के लोगों को ये नाम पसंद नहीं आया। जिसके कारण गांव के लोगों ने रेलवे बोर्ड से स्टेशन का नाम बदलने की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद से ही इस स्टेशन के नामकरण का मामला अधर में ही लटका हुआ है।
गांव वालों की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए रेलवे विभाग ने स्टेशन के साइन बोर्ड से रैनागढ़ नाम तो हटा दिया, लेकिन उसके बाद स्टेशन का दूसरा नाम रखना ही भूल गए। ऐसे में तब से लेकर अब तक उस रेलवे स्टेशन का नाम उस बॉर्ड पर नहीं लिखा गया और वह स्टेशन बेनाम स्टेशन के नाम से ही आसपास के इलाकों में मशहूर हो गया।
स्टेशन तो है लेकिन नहीं है कोई नाम
अगर आप कभी झारखंड की राजधानी रांची से टोरी की ओर जाने वाली ट्रेन में सफर करेंगे, तो आपको रास्ते में एक ऐसा स्टेशन दिखेगा जिसका कोई नाम नहीं है। इस स्टेशन के प्लेटफार्म पर यात्रिओं के लिए न तो कोई साइन बॉर्ड है और न ही स्टेशन पर कोई बॉर्ड है जिसपर स्टेशन का नाम लिखा हो।
इस स्टेशन को साल 2011 में बनाया गया था, जिसका नाम बड़कीचांपी रखने का फैसला किया गया था। लेकिन कमले गांव के लोगों ने इस नाम पर आपत्ति जताते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। ख़बरों के मुताबिक कमले गांव वालों का कहना है कि इस रेलवे स्टेशन के लिए गांव के लोगों ने जमीन दी थी और उन्हीं के गांव वालों ने इस स्टेशन के निर्माण के दौरान मजदूरी की थी। ऐसे में इस स्टेशन का नाम कमले होना चाहिए।
ऐसे में गाँव वालों के विरोध की वजह से रेलवे बोर्ड का यह विवाद बढ़ता चला गया। जिसकी वजह से इस स्टेशन का आज तक कोई आधिकारिक नाम नहीं रखा जा सका। आज भी झारखं का यह स्टेशन अपने नाम का इंतजार कर रहा है, लेकिन कानूनी दाव पेंच में इस स्टेशन को अब तक कोई नाम नहीं मिल पाया। हालाँकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे के दस्तावेजों में इस स्टेशन का नाम बड़कीचांपी ही है।
अटारी रेलवे स्टेशन (Atari Railway Station)
हमारे देश में लगभग आठ हज़ार से अधिक रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, लेकिन किसी भी स्टेशन पर जाने के लिए वीजा नहीं लगता है। हालाँकि, भारत में एक ऐसा स्टेशन भी जहाँ पर जाने इ लिए वीज़ा लगता है। उस स्टेशन का नाम है अटारी रेलवे स्टेशन (Atari Railway Station), अगर आप यहां से ट्रेन पकड़ना चाहते हैं या फिर इस स्टेशन पर उतरना चाहते हैं, तो आपके पास वीज़ा होना अनिवार्य है।
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अटारी रेलवे स्टेशन अमृतसर में स्थित है। जहाँ पर बिना वीजा के यात्रियों का आना जाना सख्त मना है। इस स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षा बलों की निगरानी रहती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना वीजा के पकड़ा जाता है तो उस पर 14 फोरन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है और उस व्यक्ति कड़ी सजा भी हो सकती है।
माटुंगा रेलवे स्टेशन (Matunga Railway Station)
मुंबई में स्थित माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन पूरी तरह से महिलाओ के द्वारा किया जा रहा है। यहां का पूरा स्टाफ महिलाओं का ही है जिसकी वजह से ये स्टेशन देश के लिए (Unique Railway Station In India) अनोखा है। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से बड़ा प्रयास किया गया है। बता दें, माटुंगा रेलवे स्टेशन (Matunga Railway Station) पर लगभग 41 महिला कर्मचारी हैं जो पूरे स्टेशन का परिचालन करती हैं। अपनी तरह का अनोखा स्टेशन होने के चलते इस रेलवे स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है।
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माटुंगा रेलवे स्टेशन (Matunga Railway Station) पर टिकट वितरण का काम हो या गाड़ियों के परिचालन का सभी काम महिलाएं ही करती हैं। यहां तक की स्टेशन की सफाई का जिम्मा भी महिलाओं के हाथ में है। महिला कर्मियों के चलते इस स्टेशन पर विशेष तौर पर महिला यात्री अपने आप को काफी सुरक्षित महसूस करती हैं।
यहां काम करने वाली 41 महिला कर्मियों में से 17 महिलाओं को ऑपरेशन और कमर्शियल विभाग, 6 रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स, 8 टिकट चेकिंग, 2 अनाउंसर, 2 सरंक्षण स्टाफ और 5 को अन्य जगहों पर तैनात किया गया है। खास बात यह है कि यहां की स्टेशन मैनेजर भी एक महिला ही है। स्टेशन पर यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी महिलाओं पर ही है। यहीं नहीं, यहां रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) की ओर से भी सिर्फ महिला कर्मियों की ही तैनाती की गई है। ये आरपीएफ की महिला कर्मी 24 घंटे स्टेशन पर सुरक्षा को सुनिश्चित करती हैं।
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माटुंगा रेलवे स्टेशन (Matunga Railway Station) मुंबई के उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर आता है। वर्ष 2017 के जुलाई महीने में सेंट्रल रेलवे की ओर से इस रेलवे स्टेशन पर पूरा स्टाफ महिलाओं का लगाया दिया गया था. सिर्फ महिला कर्मियों वाले स्टेशन के चलते इस स्टेशन का नाम 2018 में लिम्का बुक रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।