Assembly Election Result 2022: UP में BJP की जीत के जश्न के बीच Keshav Prasad Maurya गायब?
उत्तर प्रदेश के नतीजों (Uttar Pradesh Election Result 2022) को देख जहां एक तरफ जश्न मन रहा है तो वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) कहीं गायब से हो गए हैं।
Uttar Pradesh Election Result 2022: उत्तर प्रदेश में फिर एक बार बीजेपी ने अपना कमल खिला दिया है। जारी रुझानों के अनुसार बीजेपी 270+ सीटों पर जीत हासिल कर रही है। लेकिन इन 270 सीटों में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की सीट गायब है। केशव प्रसाद मौर्य इस बार सिराथू (Sirathu) से विधानसभा चुनाव मैदान में थे। सिराथू का ईवीएम पिटारा जब से खुला है तभी से ही केशव प्रसाद मौर्य पीछे चल रहे हैं। जिससे साफ है कि इन 270 सीटों में केशव प्रसाद मौर्य की एक भी सीट नहीं है।
Sirathu से हार रहे हैं केशव प्रसाद मौर्य –
सिराथू (Sirathu) से बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पीछे चल रहे हैं। इसका अहम कारण वहां कि जनता का केशव प्रसाद मौर्य को लेकर गुस्सा है। ग्राउंड रिपोर्ट की माने तो जनता केशव प्रसाद मौर्या से काफी नाराज है। हाल ही में जो भी उनको वोट मिलेंगे वो कहीं न कहीं बीजेपी और सीएम उम्मीदवार योगीआदित्यनाथ के चेहरे पर ही इनकों भी वोट मिलेंगे।
भारत में हुई Batman Bike की एंट्री, Honda 750 NM4 के सभी Features देखे यहां
सिराथू से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार आगे –
सिराथू (Sirathu) से इस बार समाजवादी पार्टी की तरफ से डॉ. पल्लवी पटेल हैं। सुबह 8 बजे से पल्लवी पटेल आगे चल रही हैं। जमीन पर समाजवादी की सिराथू (Sirathu) में लहर और नेता के रुप में पल्लवी पटेल की जनता में पकड़ उन्हे काम आ रही है। देख कर ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के बड़े नेता भी अंदर ही अंदर यही चाहते थे।
Akshay Kumar की फिल्म Sooryavanshi के Famous Dialogues
बीजेपी की वजह से हार रहे हैं केशव प्रसाद मौर्य –
चुनाव से पहले केशव प्रसाद मौर्य कई बार आपसी अनबन को लेकर भी चर्चा में रहे। यह अनबन किसी और से नहीं बल्की सीधे तौर पर सीएम योगी आदित्यनाथ से देखने को मिली। केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच अनबन ने केशव प्रसाद मौर्य के लिए ही गड्ढा खोद दिया। शायद वही राजनीतिक गड्ढा जो कहीं न कहीं केशव प्रसाद योगी आदित्यनाथ के लिए खोदना चाहते थे। लेकिन आज अगर केशव प्रसाद, सिराथू (Sirathu) से हार जाते हैं तो यह उनके राजनीतिक कैरियर के लिए डूबता सूरज भी साबित हो सकता है।