देश के खिलाफ षड्यंत्र में शैफी शाह, मुज्जफर अहमद, तालिब और मुस्तफाक को हुई जेल
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को 12 साल जेल की सजा सुनाई। जिसका नाम शैफी शाह और मुज्जफर अहमद है। जबकि दो और आतंकवादियों को 10 साल की सजा सुनाई।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को 12 साल जेल की सजा सुनाई। जिसका नाम शैफी शाह और मुज्जफर अहमद है। जबकि दो और आतंकवादियों को 10 साल की सजा सुनाई। इन आतंकवादियों का नाम तालीब लाली और मुस्तफाक अहमद है। कोर्ट इन चारों को आतंकी फंडिंग और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की धाराओं में सजा सुनाई है। इन लोगों पर यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं का उल्लघंन करने का अपराध है।
एनआईए ने इन चारों को पहुंचाया जेल-
हिजबुल मुजाहिदीन एजेंसी भारत में आतंकी फंडिग को लेकर लडार पर है। इसी दरमियां भारतीय एजेंसियों को इस संगठन के खिलाफ सबूत हाथ लगे। जिसके बाद चार लोगों को गिरफ्तार कर उन पर केस चलाया गया। इस संगठन को लगातार पड़ोसी देश से फंड मिल रहा था। इस फंड का इस्तेमाल देश में आतंकी गतिविधियो को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था। यह केस अदालत के पन्नो पर एनआईए बनाम मोहम्मद शाफी शाह एंड कंपनी के नाम से दर्ज किया गया है।
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फंडिग को लेकर कोर्ट का सख्त रुख-
कोर्ट ने इस पूरे मामले पर कहा,”मुझे लगता है कि वह हाथ जो बंदूक प्रदान करता है या बंदूक उठाने की प्रेरणा देता है, वह हाथ के समान ही उत्तरदायी होता है जो अंततः उस बंदूक को चलाता है। इस मामले में दोषियों पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है और किसी भी प्रत्यक्ष आतंकवादी कृत्य के लिए दोषी ठहराया जा सकता है। हालांकि, जीवन या संपत्ति के नुकसान के लिए, जम्मू-कश्मीर राज्य में छद्म युद्ध जो दशकों से चल रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान चली गई और राज्य की संपत्ति का विनाश हुआ है।”