इस वजह से आई कोयले की कमी इन राज्यों में लेकर आ सकती है कभी भी बिजली संकट
कीमतों में उछाल और कोयले की मांग के बीच बिजली पैदा करने वाले ईंधन की किल्लत पूरे देश में व्याप्त है। देशभर में कोयले के आयात में कमी आई है, जिससे पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों में कोयले की कमी हो गई है।
कीमतों में उछाल और कोयले की मांग के बीच बिजली पैदा करने वाले ईंधन की किल्लत (Coal Shortage India) पूरे देश में व्याप्त है। देशभर में कोयले के आयात में कमी आई है, जिससे पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों में कोयले की कमी हो गई है। दिल्ली, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में बिजली संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। COVID-19 महामारी में लगी तालाबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में फिर से उछाल के साथ, कोयले की मांग बढ़ रही है, जिसे बिजली संयंत्रों द्वारा वांछित दर पर कोयले की मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है।
कोयले की मांग में आई उछाल के परिणामस्वरूप, पूरे देश की बिजली गायब होने का खतरा मंडरा रहा है। कई बिजली उत्पादन इकाइयों ने अधिसूचित किया है कि उनके पास स्टोरेज में कोयले की कमी है। कमी इतनी है कि कोयले से सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही बिजली की आपूर्ति पूरी की जा सकती है।
पंजाब- कोयले की कमी होने से पंजाब राज्य में हर दिन लगभग 3-4 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी केंद्र से बिजली संयंत्रों की मांगों को पूरा करने के लिए राज्य में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने को कहा है। ताकि राज्य में फिर से सही समय तक लोगों को बिजली मुहैया करवाई जा सके।
दिल्ली- राजधानी दिल्ली को बिजली संकट के बीच में बताते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया कि दिल्ली को कोयले की सख्त जरूरत है। टाटा पावर के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कोयले की मौजूदा लागत शहर की जरूरतों को पूरा करना असंभव बना रही है। जिसकी वजह से अब बिजली गायब होने का डर राजधानी दिल्ली के ऊपर भी मंडरा रहा है।
तमिलनाडु- तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन (टैंगेडको) ने हाल ही में कहा है कि चेन्नई के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति रख-रखाव के काम के कारण निलंबित कर दी गई है, जो शहर में कोयले की कमी के कारण होने की संभावना है।
राजस्थान- राजस्थान सरकार वर्तमान में यह सुनिश्चित करने के लिए दैनिक आधार पर एक घंटे बिजली कटौती का सहारा ले रही है। राज्य में कोयले की कमी के कारण ऐसा ही आगे चलता रहेगा। राज्य के कुछ हिस्सों में लंबे समय तक बिजली कटौती की भी खबरें आई हैं, जो बिजली संकट खत्म होने तक जारी रहने की संभावना है।
आंध्र प्रदेश- कोयले की भारी कमी के कारण आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए अनिर्धारित बिजली कटौती अब दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है। राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि खेतों में सिंचाई पंपों को बिजली देने के लिए पर्याप्त कोयला नहीं है, जिससे फसलें सूख जाएंगी। प्रदेश में बिजली संकट के साथ फसल के सूखने का भी संकट मंडरा रहा है क्योंकि पानी की सिंचाई न मिलने से खेत सूख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश में 8 बिजली संयंत्र कोयले की कमी की वजह से काम करना बंद कर चुके हैं। जबकि 6 बिजली संयंत्र अन्य कारणों से पहले ही बंद हो चुके हैं। ऐसे में कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 14 बिजली संयंत्र हैं जो अस्थायी रूप से बंद हैं। फिलहाल, उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग 20,000 से 21,000 मेगावाट के बीच है, लेकिन आपूर्ति 17,000 मेगावाट पर बनी हुई है। इससे निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों ने कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में 4-5 घंटे बिजली कटौती की घोषणा की है।
कोयले की कमी से आठ बिजली संयंत्र यूपी में बंद, कई जगहों पर सिर्फ 4-5 घंटे आएगी बिजली
तेलंगाना- कोयले की कमी को लेकर तेलंगाना सरकार ने कहा कि उनके पास एक सप्ताह या दस दिनों तक काम करने के लिए पर्याप्त कोयला है। जिसके बाद उन्हे बिजली में कटौती करनी ही पड़ेगी।
इसी के साथ देश के कुछ अन्य राज्य जो वर्तमान में कोयले की मांग में वृद्धि के कारण समस्याओं का सामना कर रहे हैं उसमें बिहार, झारखंड और ओडिशा भी शामिल हैं।