दिल्ली

Delhi Pollution Update: प्रदूषण को लेकर ‘राम भरोसे’ दिल्ली सरकार

दिल्ली में मंगलवार की सुबह भी प्रदूषण वाली रही। हवा की गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर 331 दर्ज की गई।

दिल्ली में मंगलवार की सुबह भी प्रदूषण वाली रही। हवा की गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर 331 दर्ज की गई।

सोमवार से मंगलवार कम हुआ प्रदूषण-

आज दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस इलाके में एक्यूआई 356 था, जबकि मथुरा रोड पर 349 का एक्यूआई दर्ज किया गया। पूसा रोड में एक्यूआई 319 और आईआईटी दिल्ली में 319 दर्ज किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में सोमवार को हवा की गुणवत्ता में मामूली गिरावट आई है और अगले कुछ दिनों में इसमें कोई सुधार की उम्मीद नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट मे लगाई सरकार को फटकार-

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को मंगलवार शाम तक गैर-जरूरी निर्माण, परिवहन और बिजली संयंत्रों को रोकने जैसे उपायों पर फैसला करने के लिए आज मंगलवार को एक आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्र की इस दलील पर भी ध्यान दिया कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का बड़ा योगदान नहीं है और सुझाव दिया कि शहर धूल, उद्योग और वाहनों के कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित करे।

प्रदूषण को लेकर परिवहन मंत्री ने की बैठक-

इसके बाद, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) और दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) के अधिकारियों के साथ बैठक कर राजधानी की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की वहन क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। प्रदूषण को लेकर गोपाल राय ने कहा कि डीएमआरसी और डीटीसी को इस संबंध में दो दिनों के भीतर एक योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। साथ ही बताया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार प्रदूषण को हल करने के लिए और कदम उठाने को तैयार है।

दिल्ली के प्रदूषण में पराली की मात्रा हुई कम-

दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी सोमवार को 10 फीसदी रही, जो दिवाली के बाद सबसे कम है। बता दें कि दिल्ली में 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच औसतन पीएम 2.5 प्रदूषण का लगभग 25 प्रतिशत खेतों में आग के कारण हुआ है।

राजधानी दिल्ली में फिर लगने जा रहा है लॉकडाउन?

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में लोग हर साल 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच सबसे खराब हवा में सांस लेते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अनुपयोगी मौसम संबंधी स्थितियां स्थानीय स्रोतों से प्रदूषकों को फैलाती हैं। साथ ही हरियाणा और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली इस समय में ज्यादा जलाई जाती है।

प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार का आदेश-

इस बीच, वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने शनिवार को स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में सोमवार से एक सप्ताह के लिए शारीरिक कक्षाएं बंद करने की घोषणा की थी। आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालयों, एजेंसियों और स्वायत्त निकायों को भी घर से काम करने के लिए कहा गया है। सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि 17 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी निर्माण और विध्वंस गतिविधि की अनुमति नहीं है।

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कितना होना चाहिए एक्यूआई स्तर-

बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 को ‘संतोषजनक’, 101 और 200 को ‘मध्यम’, 201 और 300 को ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।

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